CEO और MD में क्या अंतर होता हैं – पूरी जानकारी हिंदी में – CEO और MD दोनो ही किसी भी कम्पनी के मुख्य और Powerful व्यक्ति होते हैं जिन्हें कम्पनी को आगे बढ़ानेऔर मैनेज करने का श्रेय दिया जाता हैं। लेकिन कम्पनी में CEO और MD की Authority को लेकर लोग कई बार इन्हें एक ही समझ लेते हैं जबकि दोनो पदों में काफी अंतर हैं जो कई लोगो को नहीं पता। अगर आप भी उन लोगों में से एक है जिन्हें ‘सीईओ और एमडी के बीच में क्या अंतर होता है’ (Difference Between CEO and MD in Hindi) के बारे में नहीं पता तो यह लेख पूरा पढ़े क्योंकि इस लेख में हम इस विषय पर पूरी जानकारी आसान भाषा मे देने वाले हैं।
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CEO क्या होता हैं?
CEO और MD के बीच के अंदर को समझने से पहले आपको यह पता होना चाहिए कि आखिर CEO और MD होते हैं। सबसे पहले बात की जाए CEO की, तो CEO का मतलब Cheif Executive Officer होता हैं जिसका काम कम्पनी के रोजाना के कामो को संभालना या फिर कहा जाए तो कंपनी को मैनेज करना होता है। C.E.O अर्थात चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर कंपनी के सबसे महत्वपूर्ण पदों में से एक होता है और कंपनी की ग्रोथ में सीईओ का एक महत्वपूर्ण योगदान होता है क्योंकि वह न केवल अपने क्रिएटिव आईडिया से कंपनी की ग्रोथ में मदद करता है बल्कि अपने नीचे के Staff को भी कम्पनी की स्ट्रेटेजी के अनुसार काम करते रहने के लिये Manage करता हैं। किसी भी कम्पनी में चेयरमैन और बोर्ड डायरेक्टर के बाद CEO सबसे बड़ा पद होता हैं।
MD क्या होता हैं?
CEO के बारे में हम आप को पर्याप्त जानकारी दे चुके हैं और उम्मीद है कि आप समझ भी चुके होंगे कि चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर क्या होता है तो चलिए आप जानते हैं MD के बारे में! MD की फूल फॉर्म मैनेजिंग डायरेक्टर (Managing Director) होती हैं। कंपनी में एक से अधिक मैनेजिंग डायरेक्टर हो सकते हैं और जो व्यक्ति सबसे इस मामले में सबसे ऊपर के पद पर होता हैं उसे Cheif Managing Director अर्थात CMD कहा जाता हैं लेकिन लोग मुख्य रूप से उन्हें भी MD ही बोलते हैं। Managing Director का काम कंपनी का मार्गदर्शन करना या फिर कहा जाए तो कंपनी को निर्देश देने होता हैं। MD के निर्देश के अनुसार ही कर्मचारी काम करते हैं। MD का कार्यकाल 5 वर्ष से अधिक का नहीं होता।
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CEO और MD में क्या अंतर होता हैं?
CEO और MD या फिर कहा जाए तो चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर दोनो ही कंपनी के सबसे बड़े पदों में शामिल होता है तो ऐसे में लोग इन दोनों को एक मान लेते हैं लेकिन इन दोनों के बीच में काफी अंतर मौजूद है। CEO का काम ऊपर से चीजो को मैनेज करने होता हैं जबकि MD कंपनी के दिन प्रतिदिन अर्थात रोजाना के कामो को संभालता हैं। मुख्य रूप से कम्पनी को CEO और Chairman के आदेशों पर चलाने का जो काम करता हैं वह MD ही करता हैं। MD के पद को CEO के पद से नीचे माना जाता हैं। CEO का भी कंपनी की ग्रोथ में एक महत्वपूर्ण योगदान रहता है लेकिन वह मुख्य रूप से चल रहे कामों को मैनेज करता है और यह कंफर्म करता हैं कम्पनी में काम चलता रहे। Employees को प्रत्यक्ष तौर पर Manage करने का काम MD का ही होता हैं।
सरल भाषा में अगर चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर और मैनेजिंग डायरेक्टर के बीच में बात की जाए तो कंपनी को मैनेज करने का काम मैनेजिंग डायरेक्टर का होता है जबकि सीईओ कंपनी की ग्रोथ पर ध्यान देता है। मैनेजिंग डायरेक्टर कंपनी में चल रही रोजमर्रा की समस्याओं आदि का ध्यान रखता है और उसके रिपोर्ट सीईओ को देता है और सीईओ के निर्देश के अनुसार ही वह काम करता है। अगर Authority की बात की जाए तो दोनों ही पदों की स्थिति काफी ज्यादा होती है और कंपनी से जुड़े हुए फैसलों में दोनो का योगदान होता है लेकिन CEO को MD के मुकाबले एक अधिक शक्तिशाली पद माना जाता हैं।
निष्कर्ष!
कॉरपोरेट या फिर कहा जाए तो निजी कंपनी को चलाना कोई आसान काम नहीं होता और अगर कम्पनी को Expand किया जाता है यानी कि कम्पनी विस्तार करती हैं तो केवल एक व्यक्ति कंपनी को नहीं संभाल पाता जिसके चलते अलग-अलग पदों पर अलग-अलग व्यक्ति काम करते हैं और कम्पनी को Run करते हैं। लेकिन लोगो को इन पदों की कम ही जानकारी रहती हैं और यही कारण हैं CEO और MD को भी कई बार लोग एक समझ लेते हैं जबकि इनके बीच मे अच्छा खासा अंतर होता हैं। इस लेख को तैयार करने का मुख्य उद्देश्य लोगो को ‘CEO और MD के बीच मे अंतर’ के बारे में आसान भाषा मे जानकारी देना था।