Lawyer और Advocate में क्या अंतर होता हैं – पूरी जानकारी आसान भाषा में – हमारे देश भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों में शामिल है और किसी भी लोकतांत्रिक देश में न्याय व्यवस्था का सबसे मजबूत होना आवश्यक है और यही कारण है कि भारत की न्याय व्यवस्था भी काफी मजबूत है जिसके सामने कोई भी छोटा या बड़ा नहीं होता। न्याय व्यवस्था का काम हर व्यक्ति को उसके अधिकारों के अनुसार समान रूप से न्याय दिलवाना होता हैं।
लेकिन हर व्यक्ति को देश के संविधान और न्याय व्यवस्था की पूरी सटीक जानकारी नहीं होती, जिन्हें होती हैं उन्हें कहा जाता हैं लॉयर (Lawyer) जो इस क्षेत्र में पढ़ाई करके काबिलियत हासिल करते हैं। Lawyer और Advocate दो ऐसे शब्द हैं जिन्हें अक्सर एक ही समझा जाता हैं लेकिन यह एक बिल्कुल नहीं हैं। ‘लॉयर और एडवोकेट के बीच मे अंतर’ (Difference Between Lawyer and Advocate in Hindi) होता हैं, जिसके बारे में हम इस लेख में बात करेंगे।
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लॉयर (Lawyer) क्या होता हैं?
सबसे पहले अगर एक Lawyer (लॉयर) की बात की जाए तो वह व्यक्ति जिसने संविधान, न्याय और कानून की पढ़ाई की हैं, वह Lawyer कहलाता हैं। यानी कि अगर आप कानून की पढ़ाई करते ह अर्थात उससे जुड़ा हुआ कोई कोर्स कर लेते हो तो आप एक लॉयर कहलाओगे। Lawyer को सामान्य भाषा में ‘वकील’ भी कहा जाता हैं। लॉयर शब्द का उपयोग उन लोगों के लिए किया जाता है जिन्होंने कानून की पढ़ाई अर्थात एलएलबी व इस क्षेत्र में अन्य कोर्स करके डिग्री हासिल कर ली हैं। सरल भाषा मे, जिसने कानून की पढ़ाई की है और कानून की समझ हैं उसे लॉयर (Lawyer) कहा जाता हैं।
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एडवोकेट (Advocate) क्या होता हैं?
एडवोकेट भी एक तरह का वकील भी होता है लेकिन एडवोकेट के पास अधिकार होता है कि वह कोर्ट में जाकर अपने क्लाइंट्स के लिए दलील दी सकता है, यानी कि उनके लिए केस लड़ सकता हैं। यानी कि अगर आप कानून की पढ़ाई कर देते हो तो आप एक वकील जरूर बन जाओगे लेकिन अगर आप कोर्ट में जाकर अपने क्लाइंट्स के लिए केस लड़ने जा अधिकार प्राप्त कर लोगे, तब जाकर आप एक Advocate (एडवोकेट) बनोगे। एडवोकेट को सरल भाषा मे अधिवक्ता भी कहा जाता हैं। बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के बाद ही कोई भी वकील Advocate बन पाता हैं।
लॉयर (Lawyer) और एडवोकेट (Advocate) में क्या अंतर होता हैं?
कोई भी Advocate एक वकील अर्थात एक Lawyer होता हैं लेकिन हर वकील एक Advocate नहीं होता। यानी कि अगर आप LLB या फिर किसी भी तरह से न्याय और कानून की पढ़ाई कर लेते हो तो आप एक वकील बन जाओगे लेकिन जब तक आप कोर्ट में जाकर अपने क्लाइंट्स के लिए लड़ने का अधिकार नहीं प्राप्त कर लेते, तब तक आपको एक Advocate नहीं माना जायेगा। यानी कि एक Advocate बनने के लिए आपको बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा और तब जाकर आपको अपने क्लाइंट्स के लिए दलील देने अर्थात केस लड़ने का अधिकार मिलेगा। यही कारण हैं कि हर एडवोकेट वकील होता हैं लेकिन हर वकील को एडवोकेट नहीं कहा जा सकता।
निष्कर्ष!
यह बात हम सभी जानते हैं कि कानून और न्याय की सटीक जानकारी हर किसी को नहीं होती लेकिन इस क्षेत्र में पढ़ाई करने वाले लोग अन्य लोगो को इससे सम्बन्धित सलाह देते है और कई मामलों में उनके लिए केस भी लड़ते हैं। जो भी व्यक्ति कानून के क्षेत्र में पढ़ाई पूरी करता हैं उसे लॉयर कहा जाता हैं और समय समय पर हर व्यक्ति को लॉयर की जरूरत भी पड़ती हैं। Lawyer और Advocate में लोग कोई खास अंतर नहीं समझते क्योंकि दोनों एक ही क्षेत्र में पढ़ाई करते हैं लेकिन इन दोनों में जानने लायक कॉन्त्र मौजूद हैं, जो हर व्यक्ति को पता होना चाहिए। यही कारण हैं कि हमने यह लेख तैयार किया हैं जिसमे हमने ‘लॉयर और एडवोकेट के बीच में अंतर’ को आसान भाषा मे समझाया हैं।